पटना-बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के अधिकांश छात्र को स्नातकोत्तर की पढ़ाई में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।अभी वर्तमान में चल रहे पीजी सेकंड सेमेस्टर के परीक्षा में कोरोना और एग्जाम सेंटर को लेकर के पढ़ाई बाधित हुई है, और इस कारण से जिस पेपर का परीक्षा आने वाला है उसका अभी तक पढ़ाई भी नहीं हुआ है और उस पेपर का परीक्षा देना छात्रो की मजबूरी हो गई है। क्या लिखेंगे यह सोचने की बात है।
यह सभी बातों को ध्यान में रखने से ही पता चलता है कि बिहार विश्वविद्यालय में छात्रों की कैरियर को चौपट किया जा रहा है ।क्योंकि न समय से नामांकन हो पाता है और ना ही समय से एग्जाम और नहीं समय पर रिजल्ट, 3 साल का स्नातक कोर्स 4 साल में और वही पीजी के 2 साल का कोर्स 3 साल में कराया जाता है।
इस पर बिहार के राज्यपाल माननीय फागू चौहान जी को यह संज्ञान में लेते हुए छात्र हित में कोई अच्छा कदम उठाना चाहिए ।जिससे कि Hybrid model of teaching पर ज्यादा जोर दिया जाए और कोई भी छात्र कहीं का हो उसे ऑनलाइन क्लास की सुविधा मुहैया कराई जा सके क्योंकि वर्तमान में जिस तरीके से करोना के वजह से ऑनलाइन क्लासेज शुरू हुई थी।
इससे छात्रों को कहीं हद तक बहुत सारी सुविधाएं मिली और क्लास के संचालक के तौर पर प्रोफेसर सर के द्वारा भी बहुत ही सहयोग मिला है जिससे छात्र को कुछ हद तक पढ़ाई में कर पाए ।
संवाददाता मुन्ना कुमार जब मुजफ्फरपुर के ही आरडीएस कॉलेज के राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर रजनीकांत पांडे से बात किया तो उन्होंने कहा की यहां पर दूसरे जिले के भी छात्र नामांकन लेते हैं जिसमें मोतिहारी, चंपारण ,गया और भी अलग-अलग जिलों के छात्र यहां पर नामांकन करा लेते हैं और जब ऑफलाइन क्लास होती है ,तो यहां पर छात्र की उपस्थिति बहुत ही कम हो पाती है, इसका सबसे बड़ा वजह है कि छात्रों का घर यहां से दूर होना । इसलिए अगर Hybrid model of teaching कि ओर झुकती है तो इससे ऑनलाइन क्लासेस जो शुरू हुई थी करोना काल में वह आगे भी जारी रहेगी ।जिससे सभी को अच्छी शिक्षा देने में आसानी होगी और सभी घर पर रहकर भी आसानी से क्लासेस कर सकेगे। इससे किसी का भी जो विषय है उसकी कोई भी टॉपिक नहीं छूटेगा और एग्जाम से पहले ही उनका सिलेबस पूरा हो पाएगा।