पटना- महागठबंधन में सीटों की संख्या पर सहमति बनने के बाद अब सीट टू सीट चर्चा शुरू हो गई है। वाम दलों का मामला इसमें पहले निपट गया। लेकिन कांग्रेस से बात होने के बाद ही इसे अंतिम माना जाएगा। कांग्रेस अगर वाम दलों के लिए तय सीटों में किसी पर अड़ती है तो कुछ अंतर हो सकता है। उधर सीपीआई और सीपीएम में एक-एक सीटों की जिच अब भी चल रही है। लेकिन अब इस मामले पर भी कांग्रेस की सीटों के नाम तय होने के बाद विचार होगा।
वाम दलों में माले के लिए जिन 19 सीटों पर लगभग सहमति बनी है, वे सीटें लगभग दस जिलों में की हैं। माले को सबसे ज्यादा पटना और भोजपुर में तीन-तीन सीटें मिली हैं। पार्टी को जो सीटें मिलने का चर्चा की जा रही है उसमें भोजपुर जिले के आरा शहर, तरारी और अगिआंव और पटना जिले की पालीगंज, फुलवारीशरीफ और दीघा विस क्षेत्र शामिल हैं।
इसके अलावा बक्सर जिले की डुमरांव, रोहतास की काराकाट, मुजफ्फरपुर की औराई या गायघाट में कोई एक, गोपालगंज की भोरे, अरवल जिले की अरवल, समस्तीपुर जिले की वारिसनगर, कल्याणपुर, जहानाबाद जिले की घोसी, सीवान जिले की दरौली, दरौंदा और जीरादेई और कटिहार जिले की बलरामपुर सीट है।
सीपीआई के खाते में जाने वाली सीटों में हरलाखी, झंझारपुर, तेघरा, बखरी, रुपौली पर मामला तय है। लेकिन पार्टी सिमरी बख्तियारपुर और गोह पर भी अड़ी है। सीपीएम के लिए पिपरा, विभूतिपुर और मटिहानी तय है। लौकहा या पूर्णिया में से कोई एक देने की मांग अभी बरकरार है।।