पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उन्होंने अपनी मौत से कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ 32 साल पुराना रिश्ता तोड़ दिया था। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आईसीयू से ही राजद से इस्तीफे का पत्र जारी कर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी थी। उनका पार्थिव शरीर रविवार देर शाम पटना लाया गया, जहां से उन्हें वैशाली में पैतृक घर ले जाया गया। सोमवार को कुछ ही देर बाद वैशाली में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। रघुवंश प्रसाद सिंह का 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
तीन दिन पहले उनकी हालत बिगड़ गई। सांस लेने में दिक्कत होने पर उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। इससे पहले, वह कोरोना पॉजिटिव होने पर पटना के एम्स में इलाज कराया गया था। ठीक होने के बाद, उन्हें कोविद के इलाज के लिए दिल्ली एम्स ले जाया गया। उन्होंने रविवार सुबह दिल्ली के एम्स के आईसीयू वार्ड में अंतिम सांस ली।
रघुवंश प्रसाद सिंह के पुत्र सत्यप्रकाश ने कहा कि उनका पार्थिव शरीर रविवार शाम पटना लाया गया। शव को विधानसभा ले जाया गया, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्पीकर विजय चौधरी और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी आदि ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। फिर शव को पटना के कौटिल्य नगर में एक निवास स्थान पर रखा गया। शव को सोमवार सुबह वैशाली के महनार ले जाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया । खास बात यह है कि रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्थिव शरीर को राजद कार्यालय नहीं ले जाया गया। अपनी मृत्यु के तीन दिन पहले, उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।