गायघाट | प्रखंड के एम•आर•डी इंटर कॉलेज कांटा मैदान में 45 फीट ऊंचा रावण बनाया गया था। जिसे देखने के लिए दूर दराज से हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जुटी।
इसके लिए कड़ी सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई थी। रावण के पुतला के चारों तरफ सौ मीटर तक एक घेरा बनाया गया था। जिसके अंदर सिर्फ पुतला दहन करने वाले ही जा सकते थे। देखने वालों को दूर ही खड़ा होना था। ताकि जब पुतला जलने लगे तो पटाखा से निकली चिंगारी से कोई क्षति नहीं हो। रावण के पुतले में जब आग लगाई गई और वह धू-धू कर जलने लगा तो जय श्री राम के नारे से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। हजारों की संख्या में ये अलौकिक दृश्य देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
हालाकि बारिश के कारण समय से थोड़ी देर पहले ही दहन कर दिया गया। सभी जगहों सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। बेनीबाद ओपी पुलिस और प्रशासन की टीम मुस्तैद थी। साथ में फायर ब्रिगेड भी अलर्ट थी। ताकि अगर को हादसा हो तो इससे निपटा जा सके।
कहते है बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर रावण दहन किया जाता है। इस रावण दहन का आयोजन नवयुवक दुर्गा पूजा समिति के द्वारा किया गया।
सज्जन कुमार की रिपोर्ट