बिहार के सुशासन के मुखिया श्री नीतीश कुमार बिहार में विकास को लेकर जहां लाख दावे कर रहे हो लेकिन प्रखंड मे बैठे अधिकारी और पंचायत के प्रतिनिधि विकास के नाम पर सिर्फ लूट खशोट में लगे हुए हैं। इसका जीता जागता उदाहरण जिले के सोनवर्षा पंचायत में देखने को मिल रहा है। जहां 15 वित्त आयोग के योजना से तकरीबन 17लाख रूपये के लागत से नाला का निर्माण हो रहा है। वहीं इस नाला निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों ने स्थानीय प्रतिनिधि पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं वही स्थानीय लोगों ने बताया कि नाला निर्माण में एकदम घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है और नाला निर्माण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। वह भी जब मौसम सही था तो निर्माण नहीं कराया गया और अब जब बारिश का मौसम है तो नाला का निर्माण कराया जा रहा है। वही विभाग के जेईई से पूछे जाने पर बताया कि नाला के फर्श तीन इंच मोटा ढालना है परन्तु एक इंच भी पुरना मुस्किल है। विरोध करने पर आवेदन कर्ता देवेंद्र सहनी को हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी दी गई है। वहीं इस मामले पर सांसद अजय निषाद ने ज्ञापन संख्या-585/22 में डीएम से उच्च स्तरीय जांच की मांग किया है। अब इसमें देखने वाली बात होगी कि सुशासन के मुखिया जहां विकास कार्य को लेकर लाख दावे कर रहे हैं वहीं इस तरह के प्रतिनिधियों पर किस तरह के कार्रवाई करते हैं।