मुजफ्फरपुर -राजनीति विज्ञान विभाग, राम दयालु सिंह महाविद्यालय, मुज़फ़्फ़रपुर के द्वारा दिनांक 19 मार्च 2021 को जे0 बी0 कृपलानी जी के योगदान को याद करते हुए उनके स्मृति दिवस पर एक परिचर्चा आयोजित की गई।
विभागाध्यक्ष, डॉ0 नीलम कुमारी ने इस मौके पे अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में बहुत कम समय मे ही काफी ऊंचे पद पर पहुँचने वाले जे0 बी0 कृपलानी ने “माई टाइम्स” नाम से अपनी आत्म कथा लिखी ।जो उनकी मृत्यु के 22 वर्षों के पश्चात 2004 में प्रकाशित हुई। उनकी पत्नी सुचेता कृपलानी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के पद पर रहीं।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में वे बहुत ही सक्रिय थे परंतु नेहरू जी से मतभेद होने पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से नवंबर 1947 में त्यागपत्र दे दिया, क्योंकि वे चाहते थे कि कांग्रेस का नियंत्रण संसदीय संस्था पर हो इसलिए कृपलानी के बाद डॉ राजेन्द्र प्रसाद को अध्यक्ष चुना गया।
कृपलानी जी कई बार लोक सभा के सदस्य भी रहे तथा सन1912 से 1917 तक बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के महाविद्यालय में इतिहास और अंग्रेजी के प्राध्यापक के पद को सुशोभित किये।
डॉ रजनी कान्त पाण्डेय ने बताया कि कृपलानी ने भारतीय राजनीति में गांधीवाद को समाजवाद से जोड़ा और सिद्धान्तों की राजनीति की।
डॉ पवन कुमार ने अपना विचार रखते हुए कहा कि कृपलानी जी ने राजनीति एवं शिक्षा में अपनी अमिट छाप छोड़ी तथा समाज को अपने व्यक्तित्व से प्रेरित किया।
डॉ साकेत कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कृपलानी जी गांधीवादी समाजवाद के पुरेधा थे। उनके व्यक्तित्व में भारतीयता समाहित थी और वे आचार्य के रूप में अपने व्यक्तित्व को विराट स्वरूप दिया जो आज भी भारतीय समाज के लिए प्रेरणादायी है।
वही डॉ मीनू ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि आचार्य कृपलानी 1917 में चंपारण सत्याग्रह के दौरान गांधीजी से मिले तथा उनसे प्रभावित हुए,वही से उनके जीवन का दूसरा दौर शुरू हुआ। गांधीजी के कहने पर उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ काम करना शुरू कर दिया।