बिहार पंचायत चुनाव-2021 के मतगणना के दौरान कोई सरकारी व्यक्ति मतगणना अभिकर्ता (एजेंट) नहीं बन सकेगा। यदि सरकारी व्यक्ति इस प्रकार का कार्य करता है तो उसे तीन माह की कारावास, जुर्माना या दोनों का दंड हो सकता है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने मतगणना हस्तपुस्तिका जारी की। इस के अनुसार राज्य में पहली बार ईवीएम के माध्यम से होने वाले पंचायत चुनाव में मतगणना से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी होगा।
आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार मतगणना एजेंट के लिए कोई विशेष योग्यता चिन्हित नहीं की गयी है, लेकिन उम्मीदवारों को यह सलाह दी गई है कि वे अपने एजेंट के रूप में यथासंभव प्रौढ़ एवं अनुशासित व्यक्तियों को नियुक्त करें, जिससे उनके हितों की समुचित देखभाल हो सके।
सुरक्षाकर्मियों को मतगणना हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं
आयोग के अनुसार सुरक्षाकर्मियों के मतगणना हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। केंद्र या राज्य के मंत्रियों या सांसद व विधायकों को निर्वाचन एजेंट या मतगणना एजेंट के रूप में कार्य करने की अनुमति नहीं होगी।
आयोग के अनुसार उम्मीदवार या उसके द्वारा नियुक्त निर्वाचन एजेंट अपने चुनाव क्षेत्र के लिए एक ही मतगणना एजेंट की नियुक्त कर सकेंगे। चाहे उस वार्ड में मतदान केंद्रों या मतगणना मेजों की संख्या एक या एक से अधिक हो।