पटना. बिहार के मुखिया, सरपंच, जिला पार्षद समेत पंचायती राज के अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने इन सभी के लंबित मानदेय के भुगतान का फैसला हर हाल में 31 मार्च तक कर लेने का निर्णय लिया है।
त्रिस्तरीय जन प्रतिनिधियों के लंबित मानदेय भुगतान का मामला सोमवार को बिहार विधान परिषद में उठा, ध्यानाकर्षण के दौरान सदस्य दिलीप कुमार जायसवाल द्वारा उठाये गये सवाल पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने एक साथ जिला पार्षद, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य औए वार्ड सदस्य के लंबित मानदेय पर अपनी-अपनी बातें रखनी शुरू कर दीं.
पूर्णिया, अररिया से लेकर किशनगंज और फिर गया, नालन्दा, वैशाली सभी जिलों में लंबित मानदेय की बात सामने आई. पंचायतीराज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि 31 मार्च तक 54 महीने के लंबित मानदेय का भुगतान की व्यवस्था की गई है और इस समय तक जनप्रतिनिधियो के लंबित मानदेय की राशि का सारा भुगतान हो जाएगा।
सदस्यों द्वारा यह कहे जाने पर कि अफसरों द्वारा जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं किया जाता है, मंत्री ने सदन में कहा कि जो भी अफसर जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सम्राट चौधरी ने कहा कि मानदेय राशि जनप्रतिनिधियों के खाते में ट्रांसफर किये जाने की व्यवस्था की जा रही है और इसमें लापरवाही बरतने वाले दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने से भी सरकार नहीं हिचकेगी।
फिलहाल बीडीओ के माध्यम से इस तरह के जनप्रतिनिधियो के मानदेय का भुगतान किया जाता है. लापरवाही बरतने वाले दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने से भी सरकार नहीं हिचकेगी. फिलहाल बीडीओ के माध्यम से इस तरह के जनप्रतिनिधियो के मानदेय का भुगतान किया जाता है.