मुजफ्फरपुर:बिहार के महान विभूतियों में जननायक कर्पूरी ठाकुर का नाम सबसे सुनहरे अक्षरो मे लिखा जाऐगा । उन्होनें अपनें 65 वर्ष के जीवन काल में बहुत से कार्य किए। देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी । उक्त बाते छितरौली पंचायत स्थित सेवानिवृत्त शिक्षक उमाशंकर शरण के आवास पर 52 लोगो के बीच पेंशनर समाज द्वारा आयोजित गरीब,असहाय, विधवाओ के बीच कंबल वितरण के दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पेंशनर समाज के अध्यक्ष मंदेश्वर तिवारी ने कही। वही उन्होने कहा कि वे 26 महीनें जेल में रहे। तब अंग्रेजों का शासन था।
देश की आजादी के बाद वे अपनें गांव में ही शिक्षक के रूप में कार्य किए। इसके बाद सन् 1952 में विधानसभा के सदस्य बने। उस समय अंग्रेजी विषय की अनिवार्यता समाप्त करा पिछड़े वर्गो को शिक्षा के प्रति जागरूक किया। कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री बनें। तब उन्होंने दलित और पिछड़ों के उत्थान के लिए काफी प्रयास किया।
वे आजीवन समाज सेवा करते रहें। इसी कारण उन्हे समाज के सभी समुदाय हमेशा याद किया करते है । इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्दघाटन विशिष्ट अतिथि मंदेश्वर तिवारी,मंत्री नर्मदेश्वर झा,आनंद मोहन शर्मा, नागेंद्र ठाकुर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्दघाटन किया। उसके बाद कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ ।
इसके उपरांत 52 जरूरतमंदो के बीच सेवानिवृत्त शिक्षक सह पेंशनर समाज के उप मंत्री उमाशंकर शरण ने कंबल वितरण किया। इस कार्यक्रम मे स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि रहमते आलम, पंसस योगेन्द्र कुमार, अहमद रजा सिद्दिकी, आलोक रंजन,महेन्द्र प्रसाद, प्रमोद कुमार सिंह समेत सैकड़ लोग मौजूद्य थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सतीश कुमार व प्रमोद कुमार ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन राधिका देवी ने किया।
समवादाता : हरि ओम कश्यप