सुपौल के निर्मली में पदस्थापित शिक्षक बिहार के एकमात्र कवि डॉ संजय को मिला साहित्य सम्मान…

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सुपौल: सदर प्रखंड के चक डुमरिया वार्ड नंबर 10 निवासी श्री सत्यनारायण यादव के पुत्र डॉ संजय कुमार निराला को अंतरराष्ट्रीय महा ऑनलाइन कवि सम्मेलन हिंदी साहित्य अंचल मंच अररिया के तत्वाधान में आयोजित व धौलपुर राजस्थान से संचालित अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन में बिहार से एकमात्र कवि डॉ संजय कुमार निराला को हिंदी साहित्य सम्मान प्रशस्ति पत्र व 25000 रुपैया प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया गया है।

डॉक्टर निराला की सफलता पर इनके परिजनों व बिहार वासियों ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है। जिले के निर्मली प्रखंड में शिक्षक के रूप में पदस्थापित डॉक्टर निराला को यह सम्मान बीते मंगलवार को दिया गया।

इस कवि सम्मेलन में भारत सहित नेपाल श्रीलंका मॉरीशस भूटान आदि  देशों के एक सौ साहित्यकारों कवि कवित्री यों ने अपना काव्य पाठ प्रस्तुत किया जिसमें विजई साहित्यकारों को निर्णायक मंडल अशोक कुमार जाखड़ हरियाणा निक्की शर्मा मुंबई अनुरंजन कुमार अंचल बिहार और  देव दीप प्रज्वलित राजस्थान के द्वारा सम्मानित किया गया।

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इससे पहले भी डॉक्टर निराला को साहित्य सृजन सम्मान साहित्य शिल्पी सम्मान उत्तर प्रदेश जैन साहित्य सेवा सम्मान सीवी रमन शांति सम्मान तिलकामांझी अंग सेवा सम्मान मिल चुका है। इनके द्वारा चलाया जा रहा अभियान बेटा पढ़ाओ संस्कार सिखाओ का चर्चा सरेआम हो रही है ।लोगों ने बताया कि डॉ निराला अपनी कविता के माध्यम से जहां लोगों को जागरूक कर रहे हैं वही वैश्विक आपदा में सरकार को आर्थिक सहयोग के रूप में 38000 रुपैया भी दिया है।

उनके द्वारा इस आपदा काल में निशुल्क ऑनलाइन परामर्श विद्यार्थियों को दिया जा रहा है ।डॉक्टर निराला ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा सुपौल में हुई है लेकिन बीएसएस कॉलेज से इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली चले गए जहां से उन्होंने पीएचडी व अन्य डिग्रियां हासिल की और रेलवे सहित अन्य 11 नौकरियों को छोड़कर शिक्षक के रूप में कार्यरत है विदित हो कि इनके पिता पुलिस में होने के बावजूद भी उन्होंने पुलिस की नौकरी नहीं चुनकर शिक्षा जगत को चुना डॉ निराला ने कहा कि इस ₹25000 से गरीबों में साड़ी मास साबुन व अन्य जरूरत की सामग्री बाटेंगे ।उन्होंने कहा कि समाज में दबे कुचले व बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हम हमेशा तत्पर रहते हैं। डॉक्टर संजय ने कहा साहित्य समाज सेवा में निरंतर उपलब्धियां हासिल करने में शिक्षा विभाग के अधिकारी समेत निर्मली प्रखंड के शिक्षकों पत्रकार बंधुओं का काफी सहयोग रहा है। वह अपना जीवन का आदर्श माता पिता को मानते हैं।