कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव को लेकर लॉक डाउन की स्थिति में अन्य राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूर एवं छात्रों को विशेष ट्रेनों के माध्यम से मुजफ्फरपुर लाया जा रहा है। 5 मई को साबरमती और एर्नाकुलम से दो ट्रेनों के माध्यम से फूल 2281 प्रवासी मुजफ्फरपुर पहुंचे। वहीं 6 मई को साबरमती कोटा एवं उदयपुर से तीन ट्रेनों के माध्यम से कुल 3701 लोगों को लाया गया। जबकि 7 मई को नागपुर और आनंद( गुजरात) से 2151 लोग आए और 8 मई को सुबह हिसार से चली विशेष ट्रेन के माध्यम से 1204 लोगों को लाया गया। इस तरह 9337 छात्रों और प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से शुक्रवार को मुजफ्फरपुर पहुंची। ट्रेन के आगमन पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 24 मेडिकल टीमें लगाई गई जिनके द्वारा 9337 आगंतुकों की स्क्रीनिंग की गई। इस संबंध में डॉ सी के दास के द्वारा बताया गया कि स्वास्थ विभाग द्वारा प्रतीनियुक्त की गई मेडिकल टीमें पूरी तन्मयता और मुस्तैदी के साथ स्क्रीनिंग के कार्य को अंजाम दे रही हैं। वहीं जिला प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों के आगमन के मद्देनजर सभी माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई। लॉक डाउन के कारण बाहर के राज्यों के फंसे लोगों एवं निराश्रितों के लिए प्रारंभ से ही आपदा प्रबंधन मुजफ्फरपुर के द्वारा सामुदायिक रसोईघर एवं आवासीय केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। सामुदायिक रसोईघर में भोजन करने वाले लाभुकों की संख्या अभी तक 44759 है ।वही चंदवारा मध्य विद्यालय काटी कस्बा, मध्य विद्यालय मोतीपुर, मध्य विद्यालय साहिबगंज वार्ड नंबर 7 में आवासीय केंद्र भी संचालित है जहां अब तक आवासित व्यक्तियों की कुल संख्या 92 है। प्रखंडों में चल रहे क्वॉरेंटाइन सेंटर का निरीक्षण जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह तथा अन्य वरीय पदाधिकारियों के द्वारा लगातार किया जा रहा है एवं संबंधित प्रभारी पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश भी दिए जा रहे हैं । जिलाधिकारी ने कहा है कि किसी भी तरह की कोताही पर संबंधित पदाधिकारियों एवं कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ट्रेनों से आ रहे प्रवासी मजदूरों और छात्रों के स्क्रीनिंग तथा उस संबंध में सुनिश्चित की गई अन्य व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण जिलाधिकारी द्वारा किया जा रहा है ।एमआईटी में संचालित परिवहन कोषांग को और अधिक व्यवस्थित करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारी को सख्त निर्देश भी दिए गए हैं।