पीएम केयर फंड से इस लॉक डॉन में सभी मजदूरों को ₹10 हजार गुजारा भत्ता, मारे गए मजदूरों के परिवार को ₹20 लाख मुआवजा दे सरकार। इस संकट की घड़ी में नया पार्लियामेंट भवन, प्रधानमंत्री आवास, महंगा विमान खरीदने का क्या औचित्य हैै। वामदलों के संयुक्त आह्वान 5 मई 2020 को राज्य व्यापी धरना उपरोक्त मांगों को लेकर शहर सुपौल के वार्ड नंबर 16 में भाकपा माले के वरिष्ठ नेता कॉमरेड सत्यनारायण मुखिया के अध्यक्षता में धरना उनके आवास पर दी गई, साथ ही धरना को संबोधित करते हुए भाकपा माले के जिला सह सचिवकॉमरेड अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि जनादोलनों के दबाव में केंद्र सरकार पूर्व प्रवासी मजदूर और छात्रों को घर भेजने पर सहमत हुई है लेकिन अपने अधिकारी नोटिफिकेशन में वह छलावा कर रही है सिर्फ उन्हीं मजदूरों को वापस आने की अनुमति मिली है लेकिन अचानक हुए लॉकडॉन के कारण मजदूर देश के दूसरे हिस्से में फस गए थे जो पहले से काम कर रहे हैं, उनको नहीं लाया जाएगा। सच्चाई यह है कि लॉकडॉन के बाद फैक्ट्री बंद हो गए और पहले से काम कर रहे मजदूर भी सड़कों पर आ गए हैं। वे तमाम तरह के परेशानी झेल रहे हैं और आश्चर्य की बात है कि सरकार उन्हें लाना क्यों नहीं चाहती। अलग बिहार के 40 लाख से ज्यादा मजदूर देश के दूसरे हिस्से में फंसे हुए हैं वे लगातार कोरोना के संक्रमण के शिकार हो रहे हैं इसकी चिंता सरकार को बिल्कुल नहीं है और साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा आज जारी प्रवासी मजदूरों के लिए किराया देने वाले बयान को भी छलावा बताया हैै। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दूसरे राज्यों से आने के बाद मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा और मजदूर जब घर जाने लगेंगे उस समय उन्हें टिकट का खर्चा दिया जाएगा। और इस कोरोना संकट से दिन-रात लड़ने वाले योद्धा हमारे डॉक्टर ,नर्स ,स्वास्थ्य कर्मी ,सफाई कर्मी, पुलिस- फोर्स के कर्मचारी ppe की मास्क, गॉगल्स के अभाव में कोरोना से संक्रमित होकर अपनी जान गवा रहे हैं उसको यह आवश्यक सामग्री देने की बजाएं उस पर पुष्प वर्षा का नाटक कर रही है।