Deepak Kumar मुजफ्फरपुर। मनरेगा के तहत 10043 योजनाओं के अंतर्गत लगभग 48000 मजदूरों की भागीदारी दैनिक रूप से सुनिश्चित की जा रही है ।अथार्त इतने मजदूर दैनिक रूप से कार्य कर रहे हैं। जीविका के द्वारा अभी तक 203517 मास्क का निर्माण किया जा चुका है। जिसने से 104568 मास्क की बिक्री डिमांड के आधार पर की गई है । यह कार्य लगातार जारी है । सैकड़ों स्वयं सहायता समूह इस कार्य में इन्वॉल्व हैं। प्रवासी कामगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना राज्य सरकार की उच्च प्राथमिकता है।इस उद्देश्य से क्वॉरेंटाइन सेंटर में आने वाले सभी प्रवासियों की स्किल मैपिंग लगातार कराई जा रही है। यह कार्य महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र एवं श्रम अधीक्षक के अनुश्रवण में लगातार कराया जा रहा है। अब तक मुजफ्फरपुर जिला में लगभग 10 हजार प्रवासियों की स्किल मैपिंग कराई गई है। इनमें से कुशल एवं अकुशल श्रेणी के कामगार शामिल हैं।
कुशल श्रेणी के कामगारों में मुख्य रूप से कारपेंटर, दर्जी, ड्राइवर, इलेक्ट्रीशियन, पेंटर, राजमिस्त्री, सेंट्रिंग मिस्त्री, फ्लोर टाइल्स मिस्त्री वाहन मैकेनिक, सेल्समेन, लोहे से कृषि आधारित यंत्र बनाने वाले कर्मकार, प्रिंटिंग प्रेस से संबंधित कामगार, दर्जी आदि शामिल हैं।
इनमें से स्वरोजगार के लिए इच्छुक लोगों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ी जाति उद्यमी योजना, मुद्रा योजना आदि के तहत अनुदानित दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई की जाएगी।
इसके लिए महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र के द्वारा ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है तथा उनसे लगातार संवाद स्थापित कर उनके क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा होने के बाद उन्हें संबंधित कार्यालय के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कराया जाएगा एवं स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में आज जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक की।उन्होंने प्रवासियों के स्किल मैपिंग कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया तथा रोजगार हेतु आगे की संभावनाओं के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
विभिन्न सरकारी कार्यकारी विभाग/ एजेंसी को भी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न श्रेणी के कामगारों की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार निजी क्षेत्र के उद्योग एवं व्यवसाय के लिए भी विभिन्न श्रेणी के कुशल एवं और कुशल कामगारों की आवश्यकता है। इसके लिए संबंधित विभाग/ एजेंसी, निजी उद्योगपति एवं व्यवसाई कामगारों की आवश्यकताओं को उद्योग विभाग द्वारा जारी विशेष पोर्टल shramsadhan.bih.nic.in पर दर्ज करा सकते हैं। उनके डिमांड के अनुरूप उपलब्ध वर्कफोर्स में से उन्हें उपयुक्त श्रेणी के कामगार उपलब्ध कराए जाएंगे।जिला पदाधिकारी ने महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को ऐसे सभी कार्यकारी विभाग, एजेंसी एवं निजी उद्योगपतियों / व्यवसायियों से संपर्क कर कामगारों की आवश्यकता को ऑनलाइन दर्ज कराने का निदेश दिया।ग्रामीण विकास ,मुजफ्फरपुर के द्वारा मनरेगा के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कार्रवाई की जा रही है।लॉक डाउन की अवधि में 13966 नए जॉब कार्ड अब तक उपलब्ध कराए गए है। जबकिं कुल सक्रिय जॉब कार्डधारियों की संख्या 187866 है। 10043 योजनाओं में लगभग 48000 मजदूरों की सहभागिता दैनिक रूप से सुनिश्चित की गली है।यह सिलसिला लगातार जारी है। वहीं दूसरी तरफ जीविका के दीदियों द्वारा मास्क का निर्माण भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।अभी तक 203517 मास्क का निर्माण किया गया है जिसके विरुद्ध 104568 मास्को की बिक्री डिमांड के आधार पर की गई है। इस कार्य मे सैकड़ो स्वयं सहायता समूह इस कार्य को गति दे रहे है।
जिला पदाधिकारी ने महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र एवं श्रम अधीक्षक को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रवासियों को दिलाने के लिए तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
बैठक में डीडीसी उज्ज्वल कुमार सिंह,नगर आयुक्त मणेश कुमार मीणा,सहायक समाहर्ता , अपर समाहर्त्ता आपदा ,अतुल कुमार वर्मा महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, श्रम अधीक्षक सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।