लॉकडाउन में टीबी मरीजों की घर पर होगी समस्त जांच…

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• निचले स्तर से उपलब्ध हो पाएगी टीबी की दवा
• प्रत्येक मरीज का करना है ड्रग सेंसिटीवीटी टेस्ट

वैशाली।  20 मई
जिला यक्ष्मा कार्यालय हाजीपुर में बुधवार को समीक्षा बैठक संपन हुई । जिसकी अध्यक्षता सीडीओ डॉ शिवकुमार रावत ने की । बैठक में टीबी के संपूर्ण इलाज और उससे जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में एसटीएस और एसटीएलएस को बताया गया। वहीं लॉकडाउन के दौरान टीबी मरीजों को उनके घर पर ही संपूर्ण इलाज किए जाने की शुरुआत की जानकारी दी गयी। पातेपुर ब्लॉक में एक टीबी मरीज के सेंकेंड लाइन ट्रीटमेंट के लिए उनके घर ही ईसीजी, एचआईवी किट और ग्लूकोमीटर ले जाकर उसका परीक्षण किया गया। तत्क्षण उसे सेंकेंड लाइन की दवा भी वितरित की गई। लॉकडाउन के पूरे काल में यह घर पर जांच की व्यवस्था चालू रहेगी।  डॉ रावत ने एसटीएस और एसटीएलएस से कहा वह सारे टीवी मरीजों का यूनिवर्सल ड्रग सेंसेटिवीटी टेस्ट कराएं।

टीबी के दो तरह के इलाज के बारे में बताया

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डॉ रावत ने बैठक के दौरान एसटीएस और एसटीएलएस को टीवी के दो तरह के दवाओं के बारे में बताया। जिसमें फर्स्ट लाइन की दवा का इस्तेमाल  06 महीने तक एवं सेकेंड लाइन की दवा 06 से 09 महीने तक चलाने की बात कही है. कभी-कभी यह दवा 20 महीने तक चलती है। एसटीएस और एसटीएलएस से कहा गया कि वह सेंकेंड लाइन की दवाएं भी मरीजों के घरों तक पहुचाएं। ये दोनों लाइन की दवाओं को सबसे निचले स्तर पर मुहैया करायी जा रही है। जिससे मरीज इसका लाभ ले सकेगें। टीबी के इलाज और परीक्षण के लिए प्राइवेट                    डॉक्टर, ट्रीटमेंट सर्पोटर, आशा को पैसों का भुगतान भी कर दिया गया।

कोरोना काल में टीबी मरीज रहें सतर्क:
• टीबी मरीज इस दौरान दवाओं का सेवन जारी रखें
• घर से निकलने से परहेज करें. जबतक जरुरी न हो हो अस्पताल जाने से बचें
• किसी भी तरह की गंभीरता होने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें
• घर में भी बाकी लोगों से यथासंभव दूरी बनाए रखें. किसी पीड़ित या बीमार के संपर्क में आने से बचें

मौके पर डॉ शिव कुमार रावत, राजीव कुमार, रणवीर सिंह समेत यक्ष्मा केंद्र के अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।