कांटी क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को लेकर पूर्व मंत्री अजीत कुमार के नेतृत्व में गुरुवार को किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिला तथा उन्हें ज्ञापन सौंपा।
जिलाधिकारी से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल ने उनके समक्ष कांटी थर्मल पावर के अधिकारियों के द्वारा स्थानीय किसानो का शोषण किए जाने का मामला उठाया।
किसान प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को बताया कि 6 माह पूर्व थर्मल पावर डैम का बांध टूटने के कारण दूषित जल एवं छाई से सैकड़ों किसान का फसल बर्बाद हुआ था।
किसानों ने जिलाधिकारी को बताया कि तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर समाहर्ता मुजफ्फरपुर की अध्यक्षता में किसान प्रतिनिधि, थर्मल पावर प्रबंधन व स्थानीय प्रशासन के बीच हुए समझौते के तहत 8 दिनों के अंदर किसानों को पूर्व में हुए मुआवजा का भुगतान के दर पर ही पुनः मुआवजा भुगतान करना था। जो आज 3 माह बाद भी मामला जहां के तहां परा है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रभावित किसानो की सूची में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।
जिलाधिकारी ने किसानों के बातों को गंभीरता से सुना और कहा कि 1 सप्ताह के अंदर संबंधित अधिकारियों से बात कर किसानों को हर हालत में मुआवजा का भुगतान करेंगे विदित हो की कांटी क्षेत्र के क्रमशः मधुबन, पकरी, कोठियां, समसपुर, नरसंडा आदि गांव के डेढ़ सौ से अधिक किसानो का फसल बर्बाद हुआ था।
जिलाधिकारी से मिलने के बाद पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा कि जिलाधिकारी के द्वारा सकारात्मक आश्वासन दिया गया है। हम किसान 1 सप्ताह इंतजार करेंगे। यदि 1 सप्ताह के अंदर किसानों को मुआवजा का भुगतान नहीं मिला तो अब हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
जिलाधिकारी से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में इंद्रमोहन झा, प्रभु साहनी, अनूप चौरसिया,विजय राम, भरत चौरसिया, शैलेंद्र त्रिवेदी, मंकू पाठक, बमबम शाही, रंजीत चौधरी, नागेंद्र पंडित, विकास पांडे, अनिल पंडित, वकील सहनी, गौरीशंकर चौरसिया, बमबम चौधरी आदि प्रमुख थे।
Reported by: Mukesh (Muzaffarpur)