जहां भारत के चंद्रयान -2 मिशन ने अपने लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग करने का प्रयत्न किया गया था, उसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA अपने चंद्रमा ऑर्बिटर की परिक्रमा के दौरान चंद्रमा की उस क्षेत्र की तस्वीरों का विश्लेषण कर रही है।
इसकी जानकारी एजेंसी के एक प्रोजेक्ट वैज्ञानिक के हवाले से मीडिया तक किया गया था।
चंद्रमा के अनदेखे दक्षिणी ध्रुव के वह क्षेत्र , जहां से विक्रम ने लैंड का प्रयास किया था, वहां से गुजरते समय नासा के लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (LRO) अंतरिक्ष यान ने लैंडर विक्रम की कई तस्वीरें लीं, और इसकी पुष्टि एलआरओ के डिप्टी प्रोजेक्ट वैज्ञानिक जॉन केलर की नासा के एक बयान हुआ। उन्होंने कहा कि ऑर्बिटर के कैमरे ने तस्वीरें लीं।
रिपोर्ट में कहा गया कि NASA इन छवियों का समीक्षा कर रहा है।
सीनेट डॉट कॉम ने केली के हवाले से बताया, “LROC टीम इन नई तस्वीरों का विश्लेषण करेगी और पहले की तस्वीरों से तुलना करेगी कि लैंडर दिखाई दे रहा है या नहीं।
उस वक्त चंद्रमा पर शाम का समय था जब ऑर्बिटर उस क्षेत्र से गुजरती थी, जिसका अर्थ है कि अधिकांश क्षेत्र बिंब में कैद हुआ होगा।
7 सितंबर को, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चंद्रमनार -2 के विक्रम मॉड्यूल की चंद्र सतह पर एक नरम लैंडिंग करने का प्रयास योजना के अनुसार पूरा नहीं हुआ था।
NASA के प्रवक्ता ने पहले कहा था कि अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के विश्लेषण को साबित करने के लिए चंद्रयान -2 विक्रम लैंडर के लक्षित क्षेत्र से पहले तथा बाद में ली गई तस्वीरों को इसरो साथ साझा करेगी।