भारत ने एक बार फिर से यह साफ कहा है की कश्मीर मुद्दे पैर अमेरिकी प्रसासन को मध्यस्थता करने की जरुरत नहीं है, वह भी पीछे हैट जायेगा।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने यह साफ कह दिया है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जाऔर मोदी सरकार द्वारा ख़त्म किये गए धारा 370 भारत का आंतरिक मामला है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सोमवार को फ्रांस के Biarritz में G7 शिखर सम्मेलन के अवसर पर दोनों के बीच पहली आमने-सामने की बैठक होगी, जम्मू में भारत के नेता और कश्मीर ने धारा 370 को निरस्त कर दिया, एक ऐसा कदम जिससे पाकिस्तान रो पड़ा है।
राष्ट्रपति ट्रम्प की टिप्पणी के बाद यह पहली बैठक भी है कि वह कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार थे।
जापान के ओसाका में जून, 2019 के अंत में G-20 शिखर सम्मेलन में दोनों ने एक-दूसरे से बात करने के लगभग दो महीने बाद Biarritz में उनकी बैठक होती है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प ने पिछले सोमवार (19 अगस्त, 2019) को एक-दूसरे से फोन पर बात की थी, जिसमें यह दोहराया गया था कि पाकिस्तान का भारत विरोधी रवैया इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने में मदद करने वाला नहीं है।
30 मिनट की बातचीत में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात की।